अमेरिका और वेनेजुएला के बीच भू-राजनीतिक तनाव एक बार फिर खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा और विवादित बयान देते हुए दावा किया कि उन्हें “बुरे लोगों के ठिकाने” का पूरा पता है और अमेरिका जल्द ही वेनेजुएला की असामान्य गतिविधियों पर बड़ा सैन्य कदम उठा सकता है। इस बयान के बाद वैश्विक राजनीति में हलचल मच गई है और विशेषज्ञ इसे लैटिन अमेरिका में संभावित सैन्य तनाव का संकेत मान रहे हैं।

ट्रंप का बड़ा आरोप—“वेनेजुएला की नावें खतरनाक”
ट्रंप ने हाल ही में दिए एक बयान में कहा कि वेनेजुएला की कई नावें अमेरिकी जलक्षेत्र के करीब संदिग्ध गतिविधियां करती पाई गई हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इन नावों का इस्तेमाल “गैर-कानूनी कामों के लिए” किया जा रहा है। ट्रंप ने चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसी किसी भी कोशिश को “सीधे खतरे” के रूप में देखा जाएगा और अमेरिका जवाबी कार्रवाई करने के लिए तैयार है।
उनके शब्दों में:
“मुझे पता है कि बुरे लोग कहां रहते हैं। हम बहुत जल्द उन पर हमले शुरू करने वाले हैं। अमेरिका किसी भी कीमत पर अपनी सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा।”
ट्रंप के बयान का लहजा बेहद कठोर था, जिसे विश्लेषक वेनेजुएला पर सैन्य दबाव बढ़ाने की रणनीति मान रहे हैं।
वेनेजुएला ने दिया कड़ा जवाब
ट्रंप के बयान के बाद वेनेजुएला सरकार ने तीखी प्रतिक्रिया दी। वेनेजुएला ने अमेरिका पर “सैन्य हस्तक्षेप की धमकी” देने का आरोप लगाया और कहा कि देश अपनी संप्रभुता की रक्षा करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।
वेनेजुएला के रक्षा मंत्रालय ने कहा:
“अमेरिका लगातार हमारे खिलाफ आक्रामकता दिखा रहा है। हमारी सेनाएं हर स्थिति के लिए तैयार हैं। वेनेजुएला अपनी भूमि और समुद्री सीमाओं की रक्षा करना जानता है।”
अमेरिका-वेनेजुएला तनाव का इतिहास
अमेरिका और वेनेजुएला के बीच लंबे समय से रिश्ते तनावपूर्ण रहे हैं।
वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को अमेरिका अवैध शासन कहता रहा है।
अमेरिका ने वेनेजुएला पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं।
तेल व्यापार को लेकर भी दोनों देशों में कई बार टकराव की स्थिति बनी।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, पिछले कुछ सालों में वेनेजुएला की राजनीतिक और आर्थिक स्थिति काफी खराब हुई है और लाखों लोग देश छोड़ने को मजबूर हुए हैं।
अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर
ट्रंप के बयान के बाद अमेरिकी कोस्ट गार्ड और नौसेना ने वेनेजुएला के आसपास के समुद्री इलाकों में गतिविधियों पर नजर बढ़ा दी है। सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि
वेनेजुएला से जुड़े कई गुट
ड्रग तस्करी
अवैध हथियार
और साइबर गतिविधियों में शामिल हैं
अमेरिकी खुफिया विभाग का मानना है कि कुछ गुट अमेरिकी हितों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर सकते हैं।
क्या अमेरिका वाकई हमला कर सकता है?
विशेषज्ञों के अनुसार, ट्रंप का बयान ज़रूर आक्रामक है, लेकिन अमेरिका के लिए वेनेजुएला पर सीधा हमला करना आसान नहीं होगा। इसके पीछे कई कारण हैं—
1. अंतरराष्ट्रीय कानून और UN हस्तक्षेप
2. रूस और चीन का वेनेजुएला को समर्थन
3. लैटिन अमेरिका में बड़े भू-राजनीतिक असर
4. अमेरिकी चुनावी राजनीति का भी प्रभाव
कुछ विशेषज्ञ ट्रंप के बयान को “राजनीतिक रणनीति” बताते हैं, जबकि कुछ इसे “भविष्य की सैन्य कार्रवाई का संकेत” मानते हैं।
दोनों देशों के बीच बढ़ सकती है सैन्य तैनाती
रिपोर्ट्स के अनुसार,
अमेरिका कैरिबियन क्षेत्र में अपनी नौसैनिक उपस्थिति और मजबूत कर सकता है।
वहीं वेनेजुएला भी रूस और ईरान के सहयोग से अपनी सैन्य कवायद बढ़ा सकता है।
ऐसी स्थिति में इस क्षेत्र में सैन्य टकराव की आशंका बढ़ जाएगी।
दुनिया में बढ़ी चिंता
यूरोपीय संघ, संयुक्त राष्ट्र और लैटिन अमेरिकी देशों ने अमेरिका-वेनेजुएला विवाद को लेकर चिंता जाहिर की है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इस तनाव को कूटनीति के जरिए नहीं सुलझाया गया, तो पूरा दक्षिण अमेरिकी क्षेत्र अस्थिर हो सकता है।
मानवाधिकार संगठनों ने भी आशंका जताई है कि किसी भी सैन्य संघर्ष की स्थिति में वेनेजुएला के नागरिकों को भारी नुकसान झेलना पड़ेगा।
आगे क्या?
ट्रंप का बयान दुनिया भर में चर्चा का विषय बन गया है। अब नज़रें इस बात पर हैं कि—
अमेरिका क्या वाकई किसी सैन्य कार्रवाई की ओर बढ़ेगा?
या यह सिर्फ कूटनीतिक दबाव बढ़ाने की रणनीति है?
वेनेजुएला का अगला कदम क्या होगा?
अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ उम्मीद कर रहे हैं कि दोनों देश वार्ता के जरिए समाधान तलाशें, ताकि क्षेत्र में उपजी अस्थिरता को रोका जा सके।
