झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के निधन पर मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने व्यक्त किया गहरा शोक

झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के निधन पर मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने व्यक्त किया गहरा शोक

रांची। झारखंड के शिक्षा मंत्री श्री रामदास सोरेन के निधन के समाचार से पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके आकस्मिक निधन की खबर पाकर विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक और शैक्षणिक क्षेत्रों से जुड़े लोग गहरे दुख में हैं।

राज्य के स्वास्थ्य, खाद्य आपूर्ति एवं आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने उनके निधन पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है। डॉ. अंसारी ने कहा कि “झारखंड के शिक्षा मंत्री श्री रामदास सोरेन जी के निधन का समाचार सुनकर मैं अत्यंत मर्माहत हूँ। वे सरल स्वभाव के, कर्मठ और जनसेवा के प्रति पूरी तरह समर्पित नेता थे। उनका जाना न केवल झारखंड सरकार के लिए, बल्कि पूरे राज्य के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और शोक संतप्त परिवार को इस कठिन समय में संबल दें।”

रामदास सोरेन का राजनीतिक जीवन संघर्ष और जनसेवा से जुड़ा रहा। वे हमेशा गरीब, वंचित और पिछड़े तबके के हितों के लिए आवाज उठाते रहे। बतौर शिक्षा मंत्री, उन्होंने झारखंड के सरकारी स्कूलों के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने पर विशेष ध्यान दिया। उनके नेतृत्व में कई शैक्षणिक योजनाओं को गति मिली और ग्रामीण इलाकों में शिक्षा की पहुंच बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए।

राजनीति में अपनी ईमानदारी, सादगी और स्पष्टवादिता के लिए मशहूर रामदास सोरेन को सभी दलों के लोग सम्मान की दृष्टि से देखते थे। वे न केवल एक सफल नेता थे, बल्कि अपने क्षेत्र के लोगों के लिए मार्गदर्शक और प्रेरणास्रोत भी थे।

रामदास सोरेन के निधन से उनके निर्वाचन क्षेत्र के लोगों में गहरा शोक है। उनके समर्थकों और शुभचिंतकों का कहना है कि उन्होंने हमेशा जनता को परिवार की तरह माना और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए दिन-रात मेहनत की। शिक्षा के क्षेत्र में उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा।

झारखंड सरकार के कई मंत्रियों, विधायकों और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी इसे व्यक्तिगत क्षति बताते हुए कहा कि रामदास सोरेन एक समर्पित नेता और सच्चे जनप्रतिनिधि थे।

राज्य के विभिन्न हिस्सों में उनके निधन के बाद शोक सभाओं का आयोजन किया जा रहा है। कई स्थानों पर लोगों ने मोमबत्तियां जलाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। सोशल मीडिया पर भी हजारों लोगों ने उनके योगदान को याद करते हुए संवेदना संदेश साझा किए हैं।

रामदास सोरेन के निधन से झारखंड के राजनीतिक और सामाजिक जीवन में जो खालीपन पैदा हुआ है, उसे भरना आसान नहीं होगा। उनके कार्य और आदर्श आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बने रहेंगे।

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