
उत्तर प्रदेश: पुलिया से टकराई कार, कुछ मिनटों में भस्म हुए सपने: बुलंदशहर में एक ही परिवार के पांच लोग जिंदा जले
बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश)
तेज रफ्तार, झपकी और चंद मिनटों में सब कुछ खत्म। बुधवार तड़के बुलंदशहर के जहांगीराबाद इलाके में दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें एक ही परिवार के पांच सदस्य जिंदा जल गए। कार पुलिया से टकराई, पलटी और चंद मिनटों में आग का गोला बन गई। हादसे में एकमात्र किशोरी जीवित बची, जिसे स्थानीय लोगों ने खिड़की तोड़कर बाहर निकाला।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसा इतना भयावह था कि संभलने का कोई मौका नहीं मिला। कार के अंदर से कुछ मिनट तक चीखने-चिल्लाने की आवाजें आती रहीं, फिर सब कुछ शांत हो गया। दमकल की गाड़ी जल्द पहुंची, लेकिन तब तक सब कुछ खत्म हो चुका था।
सोते-सोते मौत आई
जिला अस्पताल में भर्ती गुलनाज (16) ने बताया कि सभी लोग कार में सो रहे थे। भाई तंजील अहमद (26) कार चला रहे थे और आगे उनके जीजा जुबैर (27) बैठे थे। पीछे की सीट पर गुलनाज, बहन मोमिना (24), भाभी निदा (21) और दो साल का मासूम जैनुल सवार थे। जैनुल भाभी की गोद में सो रहा था।
जैसे ही कार अनियंत्रित होकर पुलिया से टकराई, आंख खुली तो चारों तरफ आग और चीखें थीं। कुछ स्थानीय लोगों ने साइड की खिड़की खोलकर गुलनाज को बाहर निकाला। वह बेहोश हो गई थी।
दमकल की गाड़ी पहुंची, पर देर हो चुकी थी
दमकल विभाग की गाड़ी समय पर पहुंच गई थी, लेकिन आग इतनी विकराल थी कि कार में सवार लोगों की जान नहीं बच सकी। जब शव निकाले गए तो वे पूरी तरह झुलसे हुए थे। पहचान कर पाना भी मुश्किल था। परिजनों ने आकर शिनाख्त की।
शादी की खुशी मातम में बदली
परिवार बदायूं के सहसवान से दिल्ली लौट रहा था। तनवीर अहमद के बेटे तंजील, बहू निदा, बेटी मोमिना, दामाद जुबैर, दोहिता जैनुल और पुत्री गुलनाज 16 जून को एक चचेरे भाई के निकाह में शामिल होने चमरपुरा गांव आए थे। वापसी में यह हादसा हुआ।
प्रशासन ने जताया शोक
स्थानीय प्रशासन और पुलिस मौके पर पहुंची। हादसे की जांच जारी है। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि चालक को झपकी आने के कारण कार अनियंत्रित होकर पुलिया से टकराई। हादसे को लेकर प्रशासन ने शोक जताया है और पीड़ित परिवार को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया है।
यह रिपोर्ट जनमानस के लिए एक चेतावनी भी है—थकावट और झपकी का अंदेशा हो, तो गाड़ी चलाने से बचें। एक छोटी सी लापरवाही, पूरे परिवार की जिंदगी छीन सकती है।