Kartik Purnima 2025: हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का दिन अत्यंत पवित्र और शुभ माना गया है। यह दिन भगवान विष्णु, भगवान शिव और मां लक्ष्मी की पूजा के लिए विशेष महत्व रखता है। इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा 14 नवंबर 2025, शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी। कहा जाता है कि इस दिन किया गया स्नान, दान और पूजा हजार गुना फल देता है। साथ ही कुछ विशेष उपाय करने से ग्रहों के दुष्प्रभाव दूर होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
कार्तिक पूर्णिमा का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है। पुराणों के अनुसार, इस दिन भगवान हरि (विष्णु जी) ने मत्स्य अवतार धारण किया था। यही कारण है कि यह तिथि भगवान विष्णु की आराधना के लिए श्रेष्ठ मानी जाती है। जो भी भक्त सच्चे मन से इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और दान करते हैं, उन्हें विशेष पुण्य प्राप्त होता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान और दान का महत्व
इस दिन प्रातःकाल पवित्र नदी या किसी तीर्थ स्थान पर स्नान करने की परंपरा है। यदि संभव न हो तो घर पर ही गंगाजल मिलाकर स्नान करें। स्नान के बाद भगवान विष्णु, लक्ष्मी जी और भगवान शिव की पूजा करें। इस दिन दीपदान का भी विशेष महत्व होता है। शाम के समय घर, मंदिर और नदी किनारे दीप जलाने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और जीवन में सकारात्मकता बढ़ती है।
राहु-केतु और शनि के दुष्प्रभाव दूर करने के उपाय
1. शिवलिंग पर जल और काले तिल अर्पित करें:
कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव पर जल, बेलपत्र और काले तिल अर्पित करने से शनि, राहु और केतु के दोषों का प्रभाव कम होता है। यह उपाय व्यक्ति के जीवन में शांति और स्थिरता लाता है।
2. हनुमान जी को सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं:
यदि आप शनि दोष से परेशान हैं तो इस दिन हनुमान मंदिर जाकर सिंदूर, चमेली का तेल और गुड़-चने का भोग लगाएं। इससे शनि ग्रह की पीड़ा कम होती है और बाधाएं दूर होती हैं।
3. पीपल के पेड़ की पूजा करें:
कार्तिक पूर्णिमा की रात पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। ऐसा करने से शनि ग्रह के बुरे प्रभाव समाप्त होते हैं और कार्यों में सफलता मिलती है।
4. राहु-केतु शांति के लिए नाग देवता की पूजा करें:
इस दिन नाग देवता को दूध अर्पित करें और “ॐ नमः नागदेव्यै” मंत्र का जाप करें। इससे राहु-केतु के दोष शांत होते हैं और जीवन में प्रगति के मार्ग खुलते हैं।
5. दान-पुण्य करें:
कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान करना अत्यंत शुभ माना गया है। जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र या कंबल दान करने से ग्रहों का दुष्प्रभाव कम होता है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
कार्तिक पूर्णिमा के लाभ
आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
पारिवारिक जीवन में शांति और प्रेम बढ़ता है।
नकारात्मक ऊर्जा और बाधाएं दूर होती हैं।
मानसिक शांति और आत्मिक सुख की प्राप्ति होती है।
शनि, राहु और केतु के दोष शांत होते हैं।
कार्तिक पूर्णिमा का पूजा विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। भगवान विष्णु को तुलसी पत्ते चढ़ाएं और दीप जलाएं। संध्या के समय नदी किनारे या घर की छत पर दीपदान करें। साथ ही लक्ष्मी जी की आरती करें और गरीबों को दान दें।
इस लेख में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य ज्योतिषीय विश्वासों पर आधारित है। इसका उद्देश्य केवल जागरूकता और जानकारी प्रदान करना है। किसी भी धार्मिक या ज्योतिषीय उपाय को अपनाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।
