पटना, गांधी मैदान — बिहार की राजनीति में आज एक ऐतिहासिक पल देखने को मिला, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पटना के गांधी मैदान में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह के अंत में अपने ट्रेडिशनल गमछा (मुलायम कपड़े का स्कार्फ) को लहराया। यह gesto सिर्फ एक राजनैतिक संकेत नहीं था, बल्कि प्रतीकात्मक रूप से नए नेताओं तथा जनता के बीच जुड़ाव का भाव दर्शाता था।

बात 20 नवंबर 2025 की है, जब नीतीश कुमार ने रिकॉर्ड दसवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। समारोह का मंच बड़े पैमाने पर तैयार किया गया था — तीन स्टेज, तीन हेलिपैड और हजारों मेहमानों के बैठने की व्यवस्था की गई थी।
लोगों की भीड़, झंडे, नारों की गूँज और राजनीतिक ऊर्जा से भरपूर यह कार्यक्रम एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) की शक्ति का ठोस प्रदर्शन था। इसमें मोदी के साथ-साथ अमित शाह, J.P. नड्डा, और अन्य वरिष्ठ NDA नेता भी मौजूद थे।
जब शपथ ग्रहण का औपचारिक हिस्सा समाप्त हुआ, तो PM मोदी ने एक प्रतीकात्मक लेकिन सरल भाव से अपनी शैली दिखाई — उन्होंने करीब 30 सेकंड तक गमछा लहराया, और लोगों ने भी खुशी में उसी तरह हाथ हिलाकर उनका जवाब दिया। यह नज़ारा मीडिया में तेजी से वायरल हुआ और सोशल प्लेटफॉर्म्स पर चर्चा का केंद्र बन गया।
इस गमछा लहराने की क्रिया सिर्फ फैशन स्टेटमेंट नहीं थी। यह मोदी का एक व्यक्तिगत अंदाज है — एक देसी, लोगों से जुड़ा और सरल नेता जो पारंपरिक प्रतीकों के माध्यम से भावनात्मक जुड़ाव कायम करता है। कुछ विश्लेषकों के अनुसार, यह gesture एक तरह का “पब्लिक साइन-ऑफ” था — नए सत्ता गठबंधन की शुरुआत के साथ मोदी की मौजूदगी और धन्यवाद का भाव।
नीतीश कुमार की 10वीं शपथ ग्रहण बहुत बड़ी मायने रखती है। वे बिहार के इतिहास में बार-बार सरकार बनाए हैं, और उनका यह नया कार्यकाल बड़े उम्मीदों के साथ शुरू हो रहा है। नई सरकार की जिम्मेदारी, विकास, जनकल्याण और गठबंधन के भीतर संतुलन बनाने की चुनौतियों को देखते हुए, यह समारोह सिर्फ एक अनुष्ठान से बढ़कर राजनीतिक और भावनात्मक महत्व रखता था।
गांधी मैदान का चुनाव स्थान सिर्फ शहरी पकड़ का प्रतीक नहीं था, बल्कि एक ऐतिहासिक मंच भी है — जिन्होंने पहले समानांतर आंदोलनों को देखा है और आज एक नए राजनीतिक अध्याय की शुरुआत वहां लिखी गई।
समारोह के दौरान सुरक्षा कड़ी की गई थी, और रोड बंदियों जैसे उपाय किए गए थे, ताकि VIP आने-जाने और जनता की आवाजाही नियंत्रित की जा सके। यह आयोजन न सिर्फ उत्सव था बल्कि सत्ता गठबंधन का सार्वजनिक प्रदर्शन भी था — NDA ने चुनाव में शानदार जीत दर्ज की थी, और यह शपथ समारोह उसकी शक्ति का प्रतीक माना जा रहा है।
समापन के समय PM मोदी का गमछा लहराना मीडिया और जनता के बीच एक भावनात्मक उच्च बिंदु बन गया। यह सिर्फ एक पारंपरिक वस्तु नहीं थी — यह जुड़ाव, सम्मान और नए सत्ता गठबंधन की एक तस्वीर थी। भविष्य में यह पल बिहार की राजनीतिक यादों में एक स्थायी चिह्न के रूप में दर्ज होगा।
