देवघर। बाबा बैद्यनाथ धाम की पवित्र नगरी देवघर में नौ दिवसीय अतिरुद्र महायज्ञ एवं श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ की शुरुआत से पूर्व स्थानीय झोंसागढ़ी गौशाला परिसर से एक अत्यंत भव्य शोभा सह आमंत्रण यात्रा निकाली गई। यह यात्रा अपने आध्यात्मिक महत्व और सांस्कृतिक भव्यता के कारण लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी रही। आयोजन समिति के सदस्यों के साथ-साथ हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने उत्साहपूर्वक इसमें शामिल होकर धार्मिक माहौल को और भी गरिमामय बना दिया।

विभिन्न देवताओं की झांकियों ने खींचा ध्यान
शोभा यात्रा में शामिल झांकियों ने लोगों का मन मोह लिया।
महादेव, ब्रह्मा, विष्णु सहित कई देवी-देवताओं की मनमोहक विग्रह आकृतियाँ प्रमुख आकर्षण रहीं।
सबसे अधिक भीड़ भगवान महादेव-पार्वती तथा श्री हरि विष्णु की झांकियों के पास देखने को मिली, जहां भक्तों की श्रद्धा और उत्साह चरम पर था।
विशेषकर भगवान विष्णु की ‘घूमती चक्र झांकी’ लोगों के लिए कौतूहल का मुख्य विषय बनी रही।
शोभा यात्रा के दौरान “हर हर महादेव” और “जय श्रीहरि” के जयकारों से पूरा मार्ग गूंजायमान होता रहा।
साथ ही भूत-पिशाच की झांकियाँ भी लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहीं थीं, जिनसे यात्रा में पारंपरिक और पौराणिक प्रस्तुति का अनोखा संगम दिखाई दिया।

शोभा यात्रा में देशभर से आए कलाकारों की मनमोहक प्रस्तुति
इस शोभा यात्रा की भव्यता को और भी बढ़ाने के लिए छत्तीसगढ़, बनारस और उड़ीसा से आए कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया।
उनकी झांकियों की प्रस्तुति को देखकर लोग मंत्रमुग्ध हो उठे। अनेक कलाकारों ने अलग-अलग रूपों में धार्मिक प्रसंगों को जीवंत रूप में पेश किया, जिससे शोभा यात्रा एक चलता-फिरता सांस्कृतिक मंच बन गई थी।
महात्माओं ने बताया—यह यात्रा क्यों है विशेष
कार्यक्रम में उपस्थित महात्माओं ने बताया कि यह भव्य शोभा सह आमंत्रण यात्रा गुरुदेव परमहंस श्री स्वामी शारदानंदन सरस्वती जी महाराज की पावन स्मृति में निकाली गई है।
यह पूरा आयोजन महामंडलेश्वर श्री स्वामी हरिहरानंद सरस्वती जी महाराज, परमाध्यक्ष, देवी संपद मंडल के मार्गदर्शन में आयोजित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि बाबा बैद्यनाथ धाम देवघर में आयोजित यह विराट अतिरुद्र महायज्ञ एवं श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ विश्व शांति, जनकल्याण और समाज में धार्मिक एवं आध्यात्मिक चेतना को जागृत करने के उद्देश्य से किया जा रहा है।

गोशाला से यज्ञ स्थल तक भव्य यात्रा
शोभा यात्रा झोंसागढ़ी गोशाला से प्रारंभ होकर मंदिर मोड़, शिक्षा सभा मार्ग होते हुए सीधे सर्राफ स्कूल स्थित यज्ञ स्थल पहुंची। पूरे मार्ग में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी, जिससे पूरा इलाका आध्यात्मिक रंग में रंग गया।
यात्रा की सुचारू व्यवस्था के लिए समिति के सदस्य अपनी-अपनी जिम्मेदारियों में सक्रिय दिखाई दिए।
भीड़ नियंत्रण और शांति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए प्रशासन द्वारा जगह-जगह पुलिस बल भी तैनात किया गया था।

आज से शुरू होगा नौ दिवसीय अतिरुद्र महायज्ञ
इस विशाल धार्मिक आयोजन की शुरुआत 26 नवंबर से होनी है, जिसकी पूर्णाहुति 4 दिसंबर को की जाएगी।
यज्ञ स्थल पर तैयारियाँ लगभग पूरी कर ली गई हैं—
विशाल यज्ञ मंडप
कथा स्थल
सांस्कृतिक मंच
श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था
सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम
सभी व्यवस्थाएं समिति द्वारा अंतिम रूप से जांची जा चुकी हैं।
हर शाम होगा सांस्कृतिक आयोजन
नौ दिवसीय इस धार्मिक महोत्सव के दौरान प्रतिदिन शाम को विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे।
इसमें देश के विभिन्न राज्यों से आए कलाकार अपने नृत्य, गायन, भक्ति संगीतमय कार्यक्रमों और आध्यात्मिक प्रस्तुतियों से श्रद्धालुओं को आनंदित करेंगे।
इसके साथ ही हर दिन सुबह और शाम को अतिरुद्र महायज्ञ अनुष्ठान, वेद पाठ, रुद्राभिषेक और कथा वाचन होगा, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है।
श्रद्धालुओं में उत्साह—देवघर में धार्मिक वातावरण चरम पर
देवघर में इस समय धार्मिक और आध्यात्मिक उत्साह अपने चरम पर है।
बाबा बैद्यनाथ धाम की पवित्र भूमि पर आयोजित होने वाला यह महायज्ञ न केवल स्थानीय लोगों बल्कि दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी अत्यंत पावन अवसर है।
आयोजन समिति का कहना है कि इस अनुष्ठान के माध्यम से समाज में शांति, सद्भाव और सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार होगा।
साथ ही हजारों श्रद्धालु यहां पहुंचकर अध्यात्म और भक्ति से ओत-प्रोत माहौल का अनुभव कर सकेंगे।
