पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को प्रदेश में चल रहे SIR (Special Investigation Review/ Scheme In Review – सरकारी प्रक्रिया संबंधी मामला) को लेकर बड़ा बयान दिया है। मुख्यमंत्री का कहना है कि इस प्रक्रिया के दौरान बढ़े तनाव, डर और मानसिक दबाव के कारण अब तक 39 लोगों की मौत हो चुकी है। इन मृतकों में चार बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) भी शामिल हैं, जो सीधे चुनावी कार्यों और सरकारी दस्तावेज़ संबंधी सत्यापन में जुटे थे।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य सरकार इस कठिन परिस्थिति में प्रत्येक प्रभावित परिवार के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है। उन्होंने घोषणा की कि हर मृतक के परिजनों को दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी, ताकि संकट की इस घड़ी में उन्हें कुछ राहत मिल सके।
SIR के दौरान बढ़ा तनाव — लोगों में भय का माहौल
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अनुसार, SIR की प्रक्रिया ने आम जनता, सरकारी कर्मचारियों और ग्रामीण इलाकों में गंभीर तनाव पैदा कर दिया है।
उन्होंने कहा कि कई लोगों को अचानक नोटिस मिलने लगे, दस्तावेज़ों की बार-बार जांच हुई, और कई नागरिकों को अपने अधिकारों को साबित करने के लिए लंबी लाइनें लगानी पड़ीं। इससे लोगों में मानसिक दबाव और अनिश्चितता बढ़ी, जो कई मामलों में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनी।
ममता बनर्जी का दावा है कि इसी तनाव की वजह से कई लोगों ने सदमे में अपनी जान गंवा दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लगातार केंद्र से अनुरोध कर रही थी कि इस प्रक्रिया को अधिक मानवीय तरीके से लागू किया जाए, लेकिन शिकायतों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
चार BLO की मृत्यु से प्रशासन में शोक
BLO यानी बूथ लेवल ऑफिसर, चुनावी और पहचान सत्यापन से जुड़े सबसे महत्वपूर्ण जमीनी कर्मचारी माने जाते हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि SIR प्रक्रिया के दौरान बढ़े दबाव और काम के बोझ ने BLO को भी प्रभावित किया और चार BLO की मौत तनाव के कारण हुई है।
उन्होंने कहा कि यह स्थिति बेहद दुखद और चिंताजनक है, क्योंकि ये कर्मचारी आमतौर पर फील्ड में भारी जिम्मेदारियाँ निभाते हैं और उन पर अतिरिक्त दबाव सीधे स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है।
मृतक परिवारों के लिए सहायता
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आश्वासन दिया कि सभी मृतकों के परिजनों को राज्य सरकार की ओर से दो लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।
इसके साथ ही, सरकार यह भी देखेगी कि क्या परिवारों को आगे किसी अन्य कल्याणकारी योजना में शामिल कर अतिरिक्त राहत उपलब्ध कराई जा सकती है।
उन्होंने अफसरों को निर्देश दिया है कि सहायता वितरण में देरी न हो और इन परिवारों को किसी प्रकार की नौकरशाही बाधा न झेलनी पड़े।
विपक्ष का पलटवार: ‘सरकार आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रही’
SIR को लेकर ममता बनर्जी के बयान के बाद राजनीतिक विवाद भी तेज हो गया है।
विपक्षी दलों का आरोप है कि मुख्यमंत्री SIR के नाम पर भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही हैं। विपक्ष का कहना है कि ममता सरकार इस प्रक्रिया को मुद्दा बनाकर केंद्र को कटघरे में खड़ा कर रही है, जबकि वास्तविक स्थिति ऐसी नहीं है।
हालांकि राज्य सरकार का दावा है कि वह दस्तावेज और मेडिकल रिपोर्टों के आधार पर ही मृतकों की सूची तैयार कर रही है।
SIR क्या है और क्यों चर्चा में है?
राज्य में SIR प्रक्रिया का उद्देश्य कई सरकारी लाभार्थी योजनाओं, पहचान पात्रता और दस्तावेज़ सत्यापन की समीक्षा करना बताया गया था।
इसके लिए कई लोगों को:
नया सत्यापन
दस्तावेज़ अपडेट
आवास/परिवार की जानकारी
पहचान संबंधी कागजात
जमा करवाने पड़े।
ग्रामीण इलाकों में इसे लेकर भारी परेशानी सामने आई—
कई लोगों के पास आवश्यक कागजात नहीं थे, बुजुर्गों को लाइनें लगानी पड़ीं और कई परिवारों को अपने अधिकार को साबित करने के लिए बार-बार कार्यालयों के चक्कर काटने पड़े।
यहीं से तनाव बढ़ा और इसे लेकर कई नागरिक संगठन भी विरोध में उतर आए।
ममता बनर्जी ने केंद्र पर साधा निशाना
मुख्यमंत्री ने कहा कि SIR को लागू करने की प्रक्रिया अत्यधिक कठोर और असंवेदनशील रही है। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि लोगों को राहत देने और उनकी शिकायत सुनने के बजाय उन्हें अनिश्चितता में धकेल दिया गया।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने SIR की प्रक्रिया को अधिक सरल बनाने के लिए कई सुझाव दिए थे, लेकिन उन्हें नजरअंदाज किया गया।
राजनीतिक हलचल तेज — आने वाले दिनों में और बयानबाज़ी
इस मुद्दे ने बंगाल की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है।
जहां मुख्यमंत्री इसे मानवीय संकट बता रही हैं, वहीं विपक्ष इसे ‘राजनीतिक बयानबाज़ी’ करार दे रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा और गरमाएगा, खासकर क्योंकि यह सीधे जनता से जुड़ा हुआ मामला है।
राज्य सरकार मृतकों की सूची को अपडेट कर रही है और सहायता वितरण प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है।
देखना दिलचस्प होगा कि SIR को लेकर राज्य और केंद्र के बीच जारी तनातनी किस दिशा में आगे बढ़ती है।
