देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo इन दिनों यात्रियों के गुस्से और शिकायतों से घिरी हुई है। लगातार उड़ान रद्द होने, भारी देरी, मिसिंग बैगेज और रिफंड में होने वाली लेटलतीफी ने देशभर के यात्रियों की यात्राओं को अस्त-व्यस्त कर दिया है। स्थिति यह थी कि हवाई अड्डों पर हजारों लोग फंसे हुए थे, वहीं सोशल मीडिया पर भी इंडिगो की कार्यप्रणाली को लेकर नाराजगी चरम पर थी। बढ़ते दबाव के बीच अब उड्डयन मंत्रालय ने एयरलाइन के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए स्पष्ट आदेश जारी कर दिए हैं।

मंत्रालय ने IndiGo को निर्देश दिया है कि जिन यात्रियों की उड़ानें रद्द हुई हैं या जिन्हें असुविधा का सामना करना पड़ा है, उन्हें कल शाम 8 बजे तक रिफंड पूरा करना होगा, वहीं जिन यात्रियों के बैग मिसिंग हैं, उन्हें एयरलाइन को सीधे उनके घर तक पहुंचाना होगा। यह कदम मंत्रालय की “ज़ीरो टॉलरेंस” नीति को दर्शाता है, जिसमें यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है।
क्या है पूरा मामला?
पिछले कुछ दिनों में IndiGo को लेकर शिकायतों की बाढ़ आई।
कई उड़ानें बिना पूर्व सूचना के रद्द
घंटों-घंटों की देरी
यात्रियों का बिना खाने-पीने के एयरपोर्ट पर फँसा रहना
बड़े पैमाने पर मिसिंग बैगेज
रिफंड के लिए लंबा इंतजार
इन सभी मुद्दों ने यात्रियों को भारी परेशानी में डाल दिया। इसके बाद कई यात्रियों ने DGCA और मंत्रालय तक शिकायत दर्ज कराई।
उड्डयन मंत्रालय ने तुरंत लिया संज्ञान
यात्रियों की बढ़ती शिकायतों के बाद मंत्रालय ने इंडिगो प्रबंधन को तलब किया और पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी। इसके बाद मंत्रालय ने एयरलाइन पर कड़े निर्देश लागू किए।
मंत्रालय के निर्देश इस प्रकार हैं—
1. रद्द उड़ानों का रिफंड ‘कल शाम 8 बजे तक’ पूरा हो
एयरलाइन को आदेश दिया गया है कि
जिन यात्रियों की उड़ान रद्द हुई
जिन्हें जबरन री-शेड्यूल किया गया
जिन्हें एयरपोर्ट पर असुविधा झेलनी पड़ी
उन सभी को बिना किसी कटौती के फुल रिफंड देना होगा और यह प्रक्रिया नियत समय सीमा के भीतर पूरी करनी होगी।
2. मिसिंग बैगेज ‘सीधे घर तक’ पहुंचाना होगा
यात्रियों के बैग खोने या देरी से पहुंचने की बड़ी संख्या में शिकायतें सामने आई थीं। मंत्रालय ने साफ निर्देश दिया है कि—
हर मिसिंग बैग को “होम डिलेवरी मोड” में भेजा जाए
यात्रियों को ट्रैकिंग विकल्प दिया जाए
बैग मिलने में देरी होने पर मुआवज़ा नीति लागू की जाए
3. एयरलाइन को तरह-तरह के दंडात्मक नोटिस
मंत्रालय ने यह भी कहा है कि—
सभी निर्णयों की स्थिति रिपोर्ट प्रतिदिन भेजनी होगी
जिन मामलों में देरी होगी, कंपनी पर जुर्माना लगाया जा सकता है
DGCA जल्द विस्तृत ऑडिट भी कर सकती है
यात्रियों की पीड़ा: एयरपोर्ट पर बच्चे, बुजुर्ग और परिवार परेशान
पिछले कुछ दिनों में कई वीडियो और तस्वीरें वायरल हुईं, जिनमें यात्रियों को जमीन पर बैठे हुए, भूखे-प्यासे इंतजार करते देखा गया।
कई यात्रियों ने बताया कि 4–8 घंटे की देरी के बाद भी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिली।
मिसिंग बैगेज के कारण कई लोग जरूरी सामान से भी वंचित रहे।
सोशल मीडिया पर “#IndigoFlights” और “#IndigoDelay” ट्रेंड होते रहे।
ऐसे में मंत्रालय का हस्तक्षेप यात्रियों के लिए बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है।
एयरलाइन ने दिया सफाई भरा बयान
IndiGo ने कहा कि—
ऑपरेशनल समस्याओं और क्रू की अनुपलब्धता के कारण देरी हुई
बैगेज हैंडलिंग में तकनीकी गड़बड़ी आई
कंपनी स्थिति को सामान्य करने के लिए लगातार प्रयासरत है
लेकिन यात्रियों के अनुसार यह सफाई परिस्थितियों से मेल नहीं खाती और एयरलाइन को शुरुआत से ही पारदर्शी रहना चाहिए था।
मंत्रालय की चेतावनी – “यात्रियों को छोड़कर कोई विकल्प नहीं”
उड्डयन मंत्रालय ने यह स्पष्ट कर दिया है कि—
“एयरलाइन देश की नहीं, यात्रियों की सेवा के लिए है। यात्री किसी भी कीमत पर परेशान नहीं होने चाहिए।”
इस बयान से यह साफ है कि आने वाले दिनों में एयरलाइन कंपनियों पर निगरानी और सख्त होने वाली है।
क्यों बढ़ रही हैं ऐसी घटनाएं?
विशेषज्ञों के मुताबिक—
पायलट और क्रू की कमी
अचानक बढ़ी हवाई यात्रा
ओवरबुकिंग
समय प्रबंधन में कमी
बैगेज सिस्टम की खराबी
ये सभी कारण मिलकर एयरलाइन संचालन को प्रभावित कर रहे हैं।
यात्रियों को राहत: अब क्या होगा?
मंत्रालय के आदेश लागू होने के बाद—
रिफंड अब तेजी से मिलना शुरू होगा
बैगेज डिलेवरी की समस्या कम होगी
एयरलाइन की पारदर्शिता बढ़ेगी
DGCA की निगरानी सख्त रहेगी
यह कदम आने वाले समय में यात्रियों का भरोसा बढ़ाने में मदद करेगा।
IndiGo पर मंत्रालय की कार्रवाई स्पष्ट संदेश देती है कि सरकार यात्रियों के साथ किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगी। हवाई यात्रा तेज़, सुरक्षित और परेशानी-मुक्त होनी चाहिए, और एयरलाइंस को इसके लिए कठोर मानकों पर काम करना ही होगा।
मंत्रालय का यह आदेश लाखों यात्रियों के हित में है और इससे एयरलाइन उद्योग में अनुशासन भी मजबूत होगा।
